26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए गौरव और सम्मान का प्रतीक है। इस दिन को हम गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाते हैं। यह न केवल भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह देश के लोकतंत्र, स्वतंत्रता और एकता के जश्न का प्रतीक भी है। आइए जानें 26 जनवरी की कहानी और इसे मनाने के पीछे का इतिहास।
26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व
26 जनवरी 1950 को भारत में संविधान लागू हुआ। यह वह दिन था जब भारत ने औपचारिक रूप से खुद को एक गणराज्य घोषित किया और देश की बागडोर भारतीय नागरिकों के हाथ में आई। संविधान लागू होने से पहले भारत का शासन 1909 के भारत शासन अधिनियम, 1935 के भारत अधिनियम, और ब्रिटिश साम्राज्य के कानूनों के तहत चलता था।
भारत का संविधान बनाने में 2 साल, 11 महीने, और 18 दिन लगे। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे, और इसके निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अहम भूमिका निभाई।
26 जनवरी को ही क्यों चुना गया?
26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प लिया था। यह लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में पारित हुआ था। इस दिन को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण दिन माना गया।
जब 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, तो देश को एक संविधान की जरूरत थी। इसलिए, स्वतंत्रता के बाद 26 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता को बनाए रखने के लिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया।
गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस का मतलब केवल संविधान लागू करना नहीं है। यह देश की संप्रभुता, लोकतांत्रिक मूल्यों, और नागरिक अधिकारों का उत्सव भी है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हर भारतीय को समान अधिकार, स्वतंत्रता, और न्याय की गारंटी दी गई है।
गणतंत्र दिवस का जश्न
भारत में गणतंत्र दिवस को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। राजपथ, नई दिल्ली में आयोजित होने वाली परेड इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
- राष्ट्रीय ध्वज फहराना: भारत के राष्ट्रपति इस दिन झंडा फहराते हैं।
- सैनिक परेड: भारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना की भव्य परेड होती है।
- राज्यों की झांकियां: भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक झलक पेश की जाती है।
- वीरता पुरस्कार: बच्चों और सैनिकों को उनकी वीरता और योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है।
यह परेड भारत की ताकत, विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है।
गणतंत्र दिवस का संदेश
गणतंत्र दिवस हमें एकता, समानता और राष्ट्रभक्ति का संदेश देता है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए कितने संघर्ष किए। आज हमारा कर्तव्य है कि हम उनके सपनों को साकार करें और देश को प्रगति की राह पर ले जाएं।
निष्कर्ष
26 जनवरी केवल एक तिथि नहीं है; यह हमारे देश की पहचान, गरिमा और स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह दिन हर भारतीय के दिल में देशभक्ति का जुनून भरता है और हमें यह याद दिलाता है कि हम एक लोकतांत्रिक और स्वतंत्र भारत के नागरिक हैं।
आइए, इस गणतंत्र दिवस पर संकल्प लें कि हम अपने संविधान के आदर्शों का पालन करेंगे और अपने भारत को और भी महान बनाएंगे।
जय हिंद!